google-site-verification=Uw-KNAqhgKpUjzuSuP-HYurs7qPhcMGncfDcEbaGEco google-site-verification: googlebf64a0c27fe8b208.html स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024: भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने का हमारा संकल्प

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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024: भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने का हमारा संकल्प

2024 के स्वतंत्रता दिवस पर भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने का संकल्प। जानें, नव भारत की दिशा में हम कैसे कदम बढ़ा रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024: भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने का हमारा संकल्प



स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024: भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने का हमारा संकल्प

Independence Day 15 August 2024: Our resolve to make India a 'golden bird' again

डॉ. मधुकर बोखाणी  का संदेश देशवासियों के लिए 15 अगस्त 2024
प्रिय देशवासियों,

स्वतंत्रता दिवस का यह पावन अवसर हर भारतीय के दिल में गर्व और देशभक्ति का भाव जगाता है। 15 अगस्त 2024 को, हम अपनी आज़ादी के 78 गौरवशाली वर्षों का जश्न मना रहे हैं। इस विशेष दिन पर, हमें उन वीर सपूतों की याद आती है जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर करके हमें आज़ादी दिलाई। उनका बलिदान हमें निरंतर प्रेरित करता है और हमें यह संकल्प लेने की प्रेरणा देता है कि हम इस स्वतंत्रता को और भी महान बनाएंगे।

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैदेखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-कातिल में है।-- रामप्रसाद बिस्मिल

हमारे शहीदों की कुर्बानी: एक अमर प्रेरणा

स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की कुर्बानी हमारी रगों में बहती है। भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सुखदेव, रानी लक्ष्मीबाई, और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे वीरों ने भारत को अंग्रेज़ों की दासता से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इन महानायकों के बलिदान ने हमें एक स्वतंत्र और सशक्त भारत दिया, जो आज वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है।https://how15663.blogspot.com/2024/08/achieving-success-in-life-is-journey.html

वतन की राह में वतन के नौजवां शहीद होंहवा भी आह भरती है जब अरमान बिखरते हैं।--- कैफी आज़मी

इन शहीदों की कुर्बानी हमें यह सिखाती है कि देश के लिए किया गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाता। जब तक हम उनकी दी हुई स्वतंत्रता की रक्षा करते रहेंगे, तब तक उनके सपने और आदर्श हमारे जीवन का हिस्सा बने रहेंगे। 

गुजरात का 78वां स्वतंत्रता दिवस नडियाद की खासियत

आज मुझे ख़ुशी है कि गुजरात का 78वां स्वतंत्रता दिवस नडियाद में मनाया गया। नडियाद, जो मेरी कर्मभूमि भी है, ने इस अवसर को खास बना दिया। यहाँ के वातावरण में उत्साह और गर्व की लहर थी। स्वतंत्रता दिवस की इस भव्य उज़वनी ने नडियाद को और भी विशेष बना दिया, और इसे मनाने का तरीका मेरे दिल को छू गया। यह दिन मेरे लिए बहुत मायने रखता है और इसने गुजरात की सांस्कृतिक समृद्धि और ऐतिहासिक महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है।

आज का भारत: प्रगति की ओर अग्रसर

1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से, भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अविश्वसनीय प्रगति की है। आर्थिक विकास से लेकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने तक, भारत ने खुद को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है।

हमारी विविधता, हमारी ताकत बन चुकी है, और हमारे युवाओं की ऊर्जा और प्रतिभा ने हमें दुनिया में नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।

भविष्य की ओर: भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाना

आज के दिन, हमें एक बार फिर से यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाएंगे। यह न केवल हमारे शहीदों का सपना था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का अधिकार भी है। इसके लिए हमें अपने समाज को समावेशी बनाना होगा, जिसमें हर नागरिक को समान अवसर मिले और कोई भी पीछे न रहे।

हमारे देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब हम एकजुट होकर कार्य करेंगे और अपनी समृद्धि, संस्कृति, और नैतिक मूल्यों को बनाए रखेंगे। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमें और भी बड़े कदम उठाने होंगे, ताकि हम वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को और भी सशक्त बना सकें।

देशप्रेम: हमारा सबसे बड़ा आदर्श

जैसा कि कहा गया है, "जब तक दिलों में धड़कन रहेगी, तब तक देशप्रेम की ज्योति जलती रहेगी।" यही देशप्रेम हमें एक नई दिशा देता है और हमें यह याद दिलाता है कि हम सब एक हैं, और हम सब मिलकर इस महान देश का निर्माण करेंगे। 

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेलेवतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। 

-- कुंवर महेंद्र सिंह बेदी

इस 15 अगस्त 2024 पर, आइए हम सब मिलकर भारत को एक महान राष्ट्र बनाने की दिशा में अपने प्रयासों को दोगुना करें। शहीदों की कुर्बानियों का सम्मान करते हुए, हमें अपनी एकता, सामर्थ्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए। डॉ. मधुकर बोखाणी  का यह संदेश हमें प्रेरित करता है कि हम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी भारत को सशक्त और समृद्ध बनाने में अपना योगदान दें।

भारत के वीर सपूतों 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मशहूर नारा, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दिलवाऊंगा, 

वहीं, वंदे मातरम् का नारा, जो मातृभूमि की पूजा का प्रतीक है

भारत के इन महान सपूतों ने अपने जीवन का बलिदान देकर हमें आजादी दिलाई। उनके साहस और समर्पण के कारण ही आज हम एक स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। हमें उनके योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और उनकी विरासत को हमेशा जीवित रखना चाहिए।

आज का भारत अपने स्वर्णिम भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। एक देश के रूप में हमने कई चुनौतियों को पार किया है, और कई नई ऊंचाइयों को छुआ है। यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है; बल्कि यह एक नए युग की शुरुआत है जिसमें भारत अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए आधुनिकता के पथ पर अग्रसर है।

निष्कर्ष

आने वाले वर्षों में, भारत की सफलता की कहानी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, बशर्ते हम अपनी चुनौतियों का सामना दृढ़ता और संकल्प के साथ करें। आज का भारत वास्तव में सफलता की ओर अग्रसर है, और इस यात्रा का हिस्सा बनना हम सभी के लिए गर्व की बात है।आइए हम सब मिलकर भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने के लिए कार्य करें। जय हिंद!

हमारा उद्देश्य

केवल देश की प्रगति और उसकी सफलता की कहानियों को साझा करना है। हमारा प्रयास है कि हम अपनी लेखनी के माध्यम से भारतीय संस्कृति, उपलब्धियों और समाज के सकारात्मक पहलुओं को उजागर करें। हम चाहते हैं कि हमारे लेख और विचार हमारे पाठकों को प्रेरित करें और देश के प्रति गर्व का एहसास कराएं। 

ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का, मस्तानों काइस देश का यारो क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना। -- शैलेन्द्र (गीतकार)

आप सबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। 

डॉ. मधुकर बोखाणी,

Brent,AL35034,USA

 

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