।। जीवन लक्ष्य और समय नियोजन ।।
सुष्टि में मानव जीवन सबसे मूल्यवान है।उद्देश्य के बिना कोई भी प्रवुति संभव नहीं है। प्रयास के बिना प्रगति नहीं होती.प्रत्येक गतिविधि की प्राप्ति के लिए एक लक्ष्य की आवश्यकता होती है। इसके बिनागर्भावस्था में कोई जीवन या शक्ति नहीं होती।
"जीवन एक तीर है और व्यक्ति को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि इसे किस पर निशाना लगाना है और धनुष को कैसे पकड़ना है, इसे सामने खींचकर छोड़ना चाहिए।" -हन्नी वैन डाइक
“एक मुख्य लक्ष्य रखना और उसे प्राप्त करने के लिए प्रयास करना मानव जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात है। सफल होने के लिए हमें अपनी मानसिक ऊर्जा को अलग-अलग स्थानों पर केंद्रित करने के बजाय एक अटूट लक्ष्य पर केंद्रित करना चाहिए।''... गेरे । देह पतयामि कार्य साध्ययामि ।
ऐसा दृढ़ नियम होना चाहिए कि भले ही आभामंडल
टूट जाए या जीवन में उथल-पुथल मच जाए, लेकिन अपने निर्धारित लक्ष्य को कभी न भूलें या
चूकें नहीं। फिर देखना आपकी विजय पताका एक दिन सफलता के शिखर पर अवश्य
लहरायेगी।सफलता के लिए यह बहुत आवश्यक है।
ऐसा दृढ़ नियम होना चाहिए कि भले ही आभामंडल टूट
जाए या जीवन में उथल-पुथल मच जाए, लेकिन अपने निर्धारित लक्ष्य को कभी न भूलें या
चूकें नहीं। फिर देखना आपकी विजय पताका एक दिन सफलता के शिखर पर अवश्य
लहरायेगी।सफलता के लिए यह बहुत आवश्यक है।
जिस काम में असफलता मिलती है उसमें सफल होने के
लिए दस गुना मेहनत करनी चाहिए और अच्छे काम में देरी नहीं करनी चाहिए।
भगवान ने अच्छे कर्म करने के लिए दो हाथ दिए
हैं। इसलिये अच्छे काम करो,
ठोकर खाये बिना
मनुष्य की आंख नहीं सोती। लक्ष्यहीन परिश्रम
व्यर्थ है. एक लक्ष्य असफलता की गुप्त शक्ति को जागृत करता है। सर्वोत्तम
विचारों की पूंजी जीवन को सफल बनाती है।
लक्ष्यहीन आंदोलन और लक्ष्यहीन गतिविधि का
परिणाम शून्य होता है। हर किसी के जीवन में एक लक्ष्य होता है। प्रत्येक व्यक्ति
को अपनी शक्ति, स्थिति एवं
परिस्थिति के अनुसार ही लक्ष्य का चयन करना चाहिए। बच्चे के समग्र विकास के लिए 3H प्रशिक्षण आवश्यक
है। सिर, हृदय, हाथ, घर, समाज और विद्यालय
को संयुक्त रूप से बौद्धिक,
भावनात्मक और
शारीरिक शिक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। किसी लक्ष्य की ओर निरंतर गति करना ही
प्रगति है।
- Ø सबसे पहले समय नियोजन इस प्रकार करना चाहिए कि लक्ष्य प्राप्ति में समय एवं ऊर्जा का समुचित उपयोग हो।
- Ø समय का ध्यान रखें, अवसरों का लाभ उठाएं, आलस्य प्रगति का दुश्मन है। उद्धम करो - चोरी मत करो।
- Ø आज का काम आज ही करें, उसे कल पर न टालें, खान-पान, व्यायाम और नींद में संयम बरतें।
- Ø बाधाएँ- विरोधों से संघर्ष करें, बाधाओं का सामना करें, मजबूत रहें, सफलता आपके कदमों में होगी।
- Ø लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन एक ही दिशा में छोटे-बड़े कार्य करें। सफलता की आशा रखें, समय की पाबंदी, परिश्रम, आत्मविश्वास और उत्साह बनाए रखें।
- Ø समय नियोजन के अनुसार कार्य की निरंतरता बनाए रखें, यही लक्ष्य प्राप्ति का अधिदेश है।
समय प्रबंधन
"समय प्रबंधन" समय का सदुपयोग करने के लिए
समय प्रबंधन आवश्यक है। हमें प्रत्येक दिन को ऐसे मानना चाहिए जैसे कि यह हमारे
जीवन का आखिरी दिन हो। समय रेत की तरह फिसल जाता है। फिर बाद में पछताने का कोई
मतलब नहीं है.
यदि आप इसे कल करते हैं, तो इसे आज करें।
यदि आप इसे आज करते हैं, तो अभी!
“Time and
tad wait for none”
समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते, इसलिए सावधान
रहें। सफलता के लिए काम रोजाना पूरा करना होगा।
डॉ। मधुकर बोखानी
ब्रेंट, अलबामा, संयुक्त राज्य
अमेरिका ।
दिनांक 14-02-2024
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